यह लोकतंत्र है राजतंत्र नहीं हैं, साबरमती आश्रम की किस्मत सरकार को तय नहीं करने देंगे

चौथे दिन साबरमती सेवाग्राम संदेश यात्रा का गुजरात में प्रवेश

20 अक्‍टूबर । साबरमती आश्रम के स्वरूप में बदलाव के विरुद्ध गांधी जनों द्वारा निकाली गई सेवाग्राम से साबरमती संदेश यात्रा का आज चौथे दिन नंदूबार संत टेरेसा स्कूल एवं जूनियर कॉलेज में गर्मजोशी से स्वागत किया गया। यहां आयोजित सभा में गांधी विचारक आबिदा जी ने कहा कि यह आश्रम किसी सरकार का नहीं है वह भारत का ह्रदय है, जहां से हम प्रेरणा लेते है। उसे सरकार बदलकर पर्यटन स्थल बनाना चाहती है जो देश के लिए घातक है उसे हमें बनने नहीं देना है, इसलिए इस गौरव को हम बचाने निकले है।

मनमानी लोकतंत्र के लिए घातक है

इस मौके पर वरिष्ठ गांधी विचारक, गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत ने कहा कि कम से कम संसाधनों में जीया जा सकता है, गांधीजी इसके उदाहरण थे। गांधीजी चाहते थे कि हर हाथ को काम मिले। इसके लिए अर्थव्यवस्था का विकेंद्रीकरण का प्रस्ताव दिया। देश में आज 12 करोड़ बेरोजगार है। पूरे दुनिया में बेरोजगारी की समस्या बढ़ रही है। दुनिया जिन रास्तों पर जा रही है इन सवालों का जवाब नहीं है। गांधी जी के पास इन सवालों का जवाब था। मनमानी लोकतंत्र के लिए घातक है। ऐसा सौंदर्य प्रेम जो जीवन और मृत्यु के भेद न करें पागलपन कहलाता है। इसमें गांधी प्रेम नहीं है, अपनी कमजोरी को छुपाने का भाव है।

उन्‍होंने कहा कि यह तो लोकतंत्र की बात नहीं है, और यह देश राजतंत्र का नहीं है, ऐसा ही काम अब वो गांधी के साबरमती आश्रम में होने जा रहा है। वहां बडी राशि लगाने से आश्रम की गरिमा खत्म होगी, इसलिए हम इसके लिए सरकार से अपील करते है।

करोडों रूपये खर्च कर पर्यटन स्थल बनाना गांधी विचार से जुड़़ा काम नहीं

राष्‍ट्रीय युवा संगठन एवं उड़ीसा सर्वोदय मंडल के डॉ. बिश्‍वजीत ने कहा कि गांधीजी, जो हमेशा अंतिम आदमी के लिए आवाज उठा रहे, उनकी कुटिया को पर्यटन स्थल बनाने में सरकार लगी हुई है। देश अब भुखमरी की ओर जा रहा है। ऐसे में गांधी की झोपड़ी पर 1200 करोड़ रुपये खर्च कर पर्यटन स्थल बनाना गांधी विचार से जुड़ा का काम नहीं है ।

सत्ता सत्य से डर रही है, झूठ की दुनिया खड़ा कर रही है

जल पुरुष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि बापू ने स्वैच्छिक गरीबी स्वीकार की थी। सादगी उनके जीवन के सिद्धांत थे। गांधी के गरीबी के जीवन को बदल कर वैभव दिखाना चाहते हैं। सरकार इतिहास बदलना चाहती है। इतिहास बदलने के लिए हमारे धरोहर को बदलना होता है। सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है। सत्ता सत्य से डर रही है इसलिए वो झूठ की दुनिया खड़ा करना चाहती है।

सभा की अध्‍यक्षता प्रो. विश्वास पाटिल ने की। उन्‍होंने कहा सच्चे और अच्छे लोगों में भेद है। गांधी के लोगों इस भेद को समझते हैं। जो किसी की नकल नहीं करता उसकी सारी दुनिया नकल करता है।

यात्री दल बाद में यात्रा दोंडाईचा के लिए रवाना हुई, वहां स्थानीय नागरिकों ने यात्रा का स्वागत किया। जिसके बाद व्यारा के लिए यात्रा रवाना हुई। व्यारा से सेवाग्राम साबरमती संदेश यात्रा ने गुजरात में प्रवेश किया है, जहां पर यात्रा का पुरजोर स्वागत किया गया। इस मौके पर पूर्व सांसद अमर सिंह चौधरी, ग्राम सेवा समिति, डोरा के अध्यक्ष गणपत भाई, विधायक श्री आनंद भाई, अशोक भाई चौधरी, लाल भाई, सत्य काम, मनीष भाई, लाल सिंह, रवि भाई आदि उपस्थित थे। नवागड,व्यारा में ग्राम सेवा समिति ने यात्रियेां का स्वागत करते हुए कहा हम साबरमती आश्रम के अस्तित्व को मिटने नहीं देंगे, हम तन मन धन से साथ में हैं।

साबरमती आश्रम यात्रा के आयोजन में गांधी स्मारक निधि, गांधी शांति प्रतिष्ठान, सर्व सेवा संघ, सेवा ग्राम आश्रम प्रतिष्ठान, सर्वोदय समाज, राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय, नई तालीम समिति, राष्ट्रीय युवा संगठन, जल बिरादरी, महाराष्ट्र सर्वोदय मंडल तथा गुजरात की सर्वोदय संस्थाएं शामिल हैं। यात्रा में जगह-जगह सर्वधर्म प्रार्थना, गोष्ठी, जन संवाद एवं आदि कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ।

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