कार्यवाही के विरोध में बुद्धिजीवी, गांधीवादी, विचारकों, छात्रों, नागरिकों का सविनय अवज्ञा सत्याग्रह शुरू
30 जून, वाराणसी। वाराणसी में जिला प्रशासन शुक्रवार यानि आज सर्व सेवा संघ Sarva Seva Sangh भवनों को जमींदोज करने की कार्यवाही को आगे नहीं बढ़ा सकी। सर्व सेवा संघ ने 28 तारीख को इलाहाबाद हाईकोर्ट में इसके विरोध में एक याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के माननीय न्यायाधीश ने आज याचिका की सुनवाई करते हुए आगामी 3 जुलाई की तारीख नियत कर दी गई है और यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिये है।
आज भारी वर्षा के बावजूद राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ Sarva Seva Sangh को रेलवे जिला प्रशासन के तोड़े जाने के विरोध में शुक्रवार को देश भर के बुद्धिजीवी, गांधीवादी, विचारकों, छात्र, युवा, किसान और नागरिकों का जमावड़ा लगना शुरू हुआ। गांधी विचारकों के साथ कई राजनीतिक दल के प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे। सुबह 8 बजे तक उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़, उड़ीसा और अन्य स्थानों से करीब 350-400 गांधी विचार से सरोकार रखने वाले व्यक्ति सर्व सेवा संघ परिसर को प्रशासन और सरकार के आक्रमण से बचाने के लिए इकट्ठे हुए।
विरोध कर रहे लोगों ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी किया। हाथ में बैनर पोस्टर लेकर विरोध कर रहे लोगों ने जिला प्रशासन, कमिश्नर और डीएम के खिलाफ नारेबाजी की। सर्व सेवा संघ के प्रवेश द्वार पर धरना दे रहे लोगों ने आरोप लगाया कि सर्व सेवा संघ की जमीन को सत्ता के इशारे पर जबरन कब्जा किया जा रहा है। गौरतलब है कि पिछले एक माह से सर्व सेवा संघ के लोग प्रशासनिक कार्रवाई का विरोध प्रदर्शन कर रहे है।
आज के सत्याग्रह में Sarva Seva Sangh सर्व सेवा संघ, केंद्रीय गांधी स्मारक निधि के अलावा विभिन्न संगठनों, जन संगठनों और राजनीतिक दलों के मुख्य रूप से शामिल व्यक्तियों में प्रो. आनंद कुमार, राज्यसभा सांसद अनिल हेगड़े, पूर्व सांसद राजेश मिश्र, विधायक अजय राय, सपा के पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह पटेल, सर्व सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदन पाल, अमरनाथ भाई, महादेव विद्रोही, सेवाग्राम आश्रम प्रतिष्ठान की अध्यक्ष आशा बोथरा, लाल बहादुर राय, राष्ट्रीय युवा संगठन के विश्वजीत भाई सहित कई गणमान्य शामिल हुए। इसके अलावा कांग्रेस के भारी संख्या में एकत्रित समर्थकों के अलावा समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, स्वराज पार्टी के भी प्रतिनिधि शामिल हुए।
उत्तर रेलवे की ओर से 13 एकड़ में बने सर्व सेवा संघ के भवनों को जमींदोज करने की तैयारी कर ली है। जिसको लेकर रेलवे प्रशासन ने पहले ही नोटिस जारी कर सूचित कर दिया था। सर्व सेवा संघ की जमीन के मालिकाना हक पर चल रहा विवाद जिलाधिकारी एस. राजलिंगम की कोर्ट में चल रहा था। जहां सुनवाई के दौरान उन्होंने रेलवे के हक में फैसला दिया गया। उन्होंने सर्व सेवा संघ का निर्माण अवैध करार देते हुए जमीन को उत्तर रेलवे की संपत्ति माना है। सर्व सेवा संघ भवन को ध्वस्त करने के लिए उत्तर रेलवे प्रशासन ने 30 जून 2023 की तिथि नियत कर दी गई थी।
सर्व सेवा संघ के रामधीरज भाई ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इस स्थिति में संघ परिसर को बचाने के लिए बनी गांधी, विनोबा, जेपी विरासत बचाओ संघर्ष समिति के लोगों ने तय किया है कि उनका सविनय अवज्ञा सत्याग्रह जारी रहेगा, जिसमें शनिवार की सुबह 9 बजे राजघाट रविदास मंदिर के सामने गङ्गा जल लेकर संकल्प लिया जाएगा, दिन भर धरने के बाद शाम को प्रार्थना और मार्च होगा। अगले दिन रविवार को शाम को 3 बजे से परिसर की सीमा पर मानव शृंखला बनाई जाएगी, साथ ही शहर में जन समर्थन हेतु हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा।
सत्याग्रह में संजीव सिंह, विश्व विजय, राघवेंद्र चौबे, राजन पाठक, प्रभु नारायण, विनय राय, लोकतंत्र सेनानी सतनाम सिंह, विजय नारायण, सुरेश सिंह, अरविंद सिंह पूर्व एमएलसी, प्रकाशचंद श्रीवास्तव, डॉ अनूप श्रमिक, बल्लभ भाई, महेंद्र राठौर, उषा विश्वकर्मा, रंजू, पूनम, आलोक सिंह, अजय पटेल, जयंत भाई, धनंजय त्रिपाठी आदि के अलावा बिहार से विनोद रंजन, शाहिद कमाल, पंकज बेतिया, विजय भाई, मनोहर मानव, मध्यप्रदेश से संतोष द्विवेदी, सत्येंद्र सिंह, श्याम नारायण, चंद्रप्रकाश, गाजीपुर से ओमप्रकाश, ईश्वरचंद, प्रभुनाथ,दिग्विजय सिंह, फरीद भाई सहित सैकड़ों लोगों ने शामिल होकर अपना समर्थन जाहिर किया।
लोकतंत्र के लिए खतरनाक तथा अलोकतांत्रिक कार्यवाहियों पर लगे तत्काल रोक : पीयूसीएल, उत्तर प्रदेश की मांग
सर्व सेवा संघ के भवनों के ध्वस्तीकरण के विरोध में पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल-उत्तर प्रदेश) राज्य इकाई ने वाराणसी जिला प्रशासन और उत्तर रेलवे प्रशासन द्वारा सर्व सेवा संघ के भवनों को 30 जून को गिराए जाने के आदेश का कड़ा विरोध किया है और संस्थान को बचाने में चल रहे धरने का समर्थन जाहिर किया हैं।
पीयूसीएल उत्तर प्रदेश की अध्यक्ष सीमा आजाद व महामंत्री आलोक अग्निहोत्री ने बयान जारी करते हुए कहा हैं कि वाराणसी में गांधीवादियों द्वारा निर्मित सर्व सेवा संघ को अवैध अतिक्रमणकारी बताने और उसके भवनों के धवस्तीकरण का आदेश देने की आलोचना करते हुए इस कार्यवाही को सरकार से तत्काल वापस लेने की मांग की है।
उन्होंन इसके पहले इसी परिसर में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रेरणा से बने हुए गांधी विद्या संस्थान की लाइब्रेरी, प्रशासनिक भवन व परिसर को 15 मई 2023 को बिना कोई सूचना दिए मंडल आयुक्त वाराणसी द्वारा दिए आदेश के तहत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र को सौंप दिया गया। अब बकायदा यहाँ पुलिस के पहरे में दीवारें बनाई जा रही हैं। प्रशासन द्वारा की जा रही यह कार्यवाहियां लोकतंत्र के लिए खतरा है और ऐसी गैर संवैधानिक अलोकतांत्रिक कार्यवाहियों पर तत्काल रोक लगानी चाहिए।
जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय ने जाहिर किया अपना समर्थन
वहीं जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय (एनएपीएम) ने भी शांति, सांप्रदायिक सद्भाव और लोकतंत्र के मूल्यों के प्रति अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता के चलते सर्व सेवा संघ के परिसरों को बचाने के लिए चल रहे संघर्ष का समर्थन किया है।
एन ए पी एम की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि हम न केवल गांधीवादियों को, बल्कि देश-भर के सभी लोकतंत्र-प्रेमी लोगों से, इस तानाशाही कदम का विरोध करने का आह्वान करते हैं, और ‘देशभक्ति’ पर सरकार के पाखंड को उजागर करते है। उच्च न्यायालय से अपील की है कि दायर याचिकाओं के आधार पर, मामले में तुरंत हस्तक्षेप करें और देश के दशकों-पुराने गांधीवादी संस्थानों, जो साझा विरासत का हिस्सा हैं, के अन्यायपूर्ण विध्वंस और कब्जे पर रोक लगाएं।
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