पट्टीकल्याणा में राष्ट्रीय युवा शिविर युवाओं के संकल्प के साथ सम्पन्न
पट्टीकल्याणा (सप्रेस)। गांधी विचार एवं दर्शन पर 23 से 26 दिसंबर तक चार दिवसीय आवासीय राष्ट्रीय युवा शिविर स्वाध्याय आश्रम, पट्टीकल्याणा में युवाओं के संकल्प के साथ सम्पन्न हुआ। युवा शिबिर में महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान आदि राज्यों से एक सौ से अधिक युवक/युवतियां शामिल हुई। युवा शिविर के समापन दिवस पर सुबह प्रार्थना सभा के पश्चात योग और प्रभात फेरी का निकाली गई l गांव की गलियों में गांधी विचार के गीत गाते एवं देश भक्ति व गांधी – विनोबा के नारे लगाते हुए शिबिरार्थी आश्रम पहुंचे। इसमें गांधी स्मारक निधि के मंत्री संजय सिंह, राष्ट्रीय युवा संगठन के अजमत, मुंबई की प्रेरणा देसाई एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल थे।
समापन सत्र में केन्द्रीय गांधी स्मारक निधि के अध्यक्ष रामचंद्र राही ने युवा प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। इस अवसर पर डॉ. स्वतंत्र जैन ने कहा कि गांधी जी के बारे में जो भ्रम फैलाया जा रहा है, उन्हें इस तरह के शिविरों से दूर किया जा सकता है। यह शिविर युवाओं के जीवन को परिवर्तित कर उनका मार्गदर्शन करने के लिए एक अच्छा अवसर है। यहां पर काफी कुछ सीखने के साथ ही सामाजिक कार्य करने का हौसला मिला है। इस मौके पर शिबिरार्थियों ने आश्वस्त किया कि वे अपने-अपने राज्यों में लौटकर इस दिशा में पूरी लगन के साथ कार्य करेंगे। शिविर में युवाओं ने सर्वधर्म समभाव, अहिंसा, समर्पण, आपसी भाईचारा हेतु एक अच्छे राष्ट्र निर्माण करने की कला को यहां सीखा है, वे उसे अपने जीवन में उतार कर इस दिशा में आगे बढ़ेंगेl
जय जगत में विश्व बंधुत्व एवं विश्व कल्याण का दर्शन छुपा हुआ है : राधा भट्ट
शिविर के प्रांरभिक सत्र में प्रसिद्ध गांधी विचारक सुश्री राधा बहन भट्ट ने कहा कि हमें भारत को समझने की आवश्यकता है। राष्ट्र के अंदर प्रेम, भाईचारा, सद्भावना, विश्व बंधुत्व की आवश्यकता है और यही राष्ट्र का मूल आधार है। हमें नकारात्मकता छोड़कर गांधीजी के स्वतंत्रता, स्वराज, सर्व धर्म एवं भाई चारा के दर्शन के द्वारा देश को मजबूती प्रदान करना है। युवा गलत को गलत कहना सीखें। यदि युवाओं में गलत को गलत कहने का साहस नहीं होगा तो समाज की विषमताएं ऐसे ही चलती रहेगी। महत्वपूर्ण है कि राधा बहन भट्ट पिछले 70 वर्षों से अनवरत सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रही है। देश के लगभग सभी प्रान्तों में गांधी विचार – प्रसार के साथ रचनात्मक कार्यों की दिशा में सतत प्रयासरत है।
गांधी स्मारक निधि, पंजाब-हरियाणा-हिमाचल प्रदेश पट्टी कल्याणा के अध्यक्ष संजय सिंह ने बताया कि वरिष्ठ गांधीवादी एसएन सुब्बराव भाईजी की स्मृति में युवा पीढ़ी को गांधी विचार का प्रशिक्षण देने व देश की विविधता के दर्शन से परिचित करवाना इस शिबिर का जाना मूल मकसद है।
अहिंसा के प्रयोग और संतुलित जीवन ही मनुष्य और प्रकृति को स्वस्थ रख सकते हैं : ए के अरूण
राष्ट्रीय युवा शिविर के दूसरे सत्रों में प्रार्थना, योग के बाद शरीर श्रम, सफाई आश्रम परिसर एवं जीटी रोड पर किया गया। शिवरार्थियों को वरिष्ठ जन स्वास्थ्य वैज्ञानिक डॉ ए के अरुण ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मानसिक, सांस्कृतिक भावात्मक, भौतिक स्वास्थ्य को मिलाकर ही संपूर्ण स्वास्थ्य की बात कही जा सकती है। गांधी जी ने बताया था कि स्वास्थ्य का क्षेत्र सेवा का क्षेत्र है। अहिंसा के प्रयोग और संतुलित जीवन ही मनुष्य और कुदरत दोनों को स्वस्थ रख सकते हैं। रोग के इलाज से बेहतर रोग का ना होना। गांधी जी कहते थे यह शरीर तुम्हारा नहीं है, इसे प्रकृति ने आपको दिया है। आप केवल इसके ट्रस्टी हैं। ईश्वर जब चाहेगा यह आपसे वापस ले लेगा।
हमें ऐसा समाज बनाना है, जिसमें लड़की डरे नहीं और लड़का डराए नहीं : कुमार प्रशांत
गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत ने कहा कि अलग-अलग राज्यों के लोगों का यह शिविर एक दूसरे को जानने का मौका देता है और साथ रहने की कला सीखने की पाठशाला भी है। जब परस्पर दो लोग मिलते हैं तो दोस्ती हो जाती है। दोस्ती से बढ़कर कुछ भी नहीं होता। आपको अपने दोस्त को भी जानना और पहचानना चाहिए। इस दोस्त से हमें मजबूती मिल रही है या हमें कमजोर कर रहा है। आज के समय में लड़की सबसे ज्यादा लड़के से डरती है। आपको ऐसा समाज बनाना है, जिसमें लड़की डरे नहीं और लड़का डराए नहीं। मुंबई से आई अर्थशास्त्र की विशेषज्ञ प्रेरणा देसाई ने कहा कि शिविर के माध्यम से हम एक दूसरे से जुड़ते हैं और एक दूसरे को जानने का अवसर मिलता है।
हमें न अन्याय सहन करना चाहिए न ही करना चाहिए : संजय सिंह
केंद्रीय गांधी स्मारक निधि के मंत्री संजय सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी आदर्श समाज रचना करना चाहते थे और आदर्श समाज रचना के लिए समानता, समान अवसर, सद्भावना, प्रेम, भाईचारा की आवश्यकता है और अगर उस माहौल की प्रतिकूल स्थिति बनाया जाता है उसके लिए भी गांधीजी प्रतिरोध का रास्ता सत्याग्रह हमारे सामने उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किए थे इसलिए हमें न अन्याय सहन करना चाहिए न ही करना चाहिए।
गांधी विचार अन्याय और अत्याचार के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत देता हैं : रामचंद्र राही
शिविरार्थियों का मार्गदर्शन करने के लिए केंद्रीय गांधी स्मारक निधि के अध्यक्ष रामचन्द्र राही ने कहा कि राजसत्ता से लोकसत्ता की स्थापना ही स्वराज आंदोलन का लक्ष्य था। व्यवस्था मुट्ठी भर उद्योगपतियों के हाथ की कठपुतली बनती जा रही है, इससे बाहर आने की आवश्यकता है। गांधी के रास्ते से ही जनता के हित में कार्य किये जा सकते हैं। हमें भयमुक्त होना है। गांधी विचार अन्याय और अत्याचार के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत देता हैं।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज पूरे विश्व में अशांति का माहौल है। इस अशांति को कैसे शांति में बदला जा सकता है, इस पर पूरी दुनिया में चिंतन किया जा रहा है। इस चिंतन से जो रास्ता बताया गया है वह रास्ता है गांधी जी का। आज गांधी जी के रचनात्मक कार्यक्रम और उनके विचारों की ज्यादा आवश्यकता है।
राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय निदेशक प्रो. अन्नामलाई ने अहिंसा की ताकत पर उद्बोधन देते हुए कहा अहिंसा एक सकारात्मक शक्ति है जिसने न केवल देश को आजाद कराया बल्कि एक मजबूत संविधान भी प्रदान किया। युवा विभिन्न राज्यों से आए युवा यहां से निश्चय कर के जाए कि इन विचारों को अपने जीवन में उतारेंगे। यही शिविर की सार्थकता होगी।
इस अवसर पर सर्व सेवा संघ के मैनेजिंग ट्रस्टी अशोक कुमार शरण, गांधी स्मारक निधि के ट्रस्टी बलबीर सिंह, राजबीर सिंह रावत, डॉ विकास सक्सेना, रितदर्शनी, अजय श्रीवास्तव, कमलेश गुलाटी, डॉ नरेश गुलाटी, सुरेंद्र हलदाना, देवराज त्यागी, अंसार अली, धर्मपाल, सुनीता शर्मा, रूढा सिंह का विशेष योगदान रहा।