पृथ्वी पर प्रकति का संतुलन बनाये रखने तथा भविष्य में जीवन जीने के लिए प्राकृतिक संपत्ति व संसाधनों को बनाये रखना अति आवश्यक है। धरती को बचाने का आशय है इसकी रक्षा के लिए पहल करना। पृथ्वी हमारा घर है और हम प्रत्येक घर को नष्ट नहीं कर सकते। हमारे ब्रह्मांड में केवल धरती ही ऐसा ग्रह है, जहां जीवन है, जहां नदी, झरने, पहाड़, वन, अनेक जंतु प्रजातियां हैं और जहां हम सब मनुष्य भी हैं।
मनुष्य ने अपनी आवश्यकताओं को लालच में बदल दिया है। मनुष्य अब पृथ्वी को संसाधन मानकर उसका दुरूपयोग करता जा रहा है, जो हमें वर्तमान समय में पर्यावरण प्रदूषण, मृदा क्षरण तथा नदियों का जल अशुद्ध होना तथा वायुमंडल में हानिकारक गैसों का फैलना इत्यादि आदि के रूप में देखने को मिल रहा है। पर्यावरणीय सुरक्षा उपाय को दर्शाने के लिये साथ ही पर्यावरण सुरक्षा के बारे में लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाने के लिये 22 अप्रैल को पूरे विश्व भर के लोगों के द्वारा एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में हर साल विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है।
पृथ्वी दिवस 2021 के लिए इस वर्ष की थीम
पृथ्वी दिवस 2021 के लिए इस वर्ष की थीम “रिस्टोर अवर अर्थ” है। विषय बताता है कि हमें ग्रह को पुनर्स्थापित करने और दुनिया के पारिस्थितिक तंत्र के पुनर्निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपना काम शुरू करने की आवश्यकता है। वेबसाइट के अनुसार Earthday.org विषय “प्राकृतिक प्रक्रियाओं, उभरती हुई हरित प्रौद्योगिकियों और अभिनव सोच पर ध्यान केंद्रित करेगा, जो दुनिया के पारिस्थितिक तंत्र को बहाल कर सकता है।”
आधुनिक पर्यावरण आंदोलन का प्रारंभ
22 अप्रैल 1970 को अमेरिका के लगभग दो करोड़ लोग, जो उस समय अमेरिका की आबादी के दस फीसद के बराबर थे, पर्यावरण की रक्षा के लिए पहली बार सड़कों पर उतरे थे। अमेरिकी जनता की इस पहल को आधुनिक पर्यावरण आंदोलन का प्रारंभ माना जाता है। इस शुरुआत के समय किसी ने सोचा तक नहीं था कि पृथ्वी दिवस दुनिया के सबसे बड़े नागरिक आयोजन का रूप ले लेगा।
इस दिन का महत्व
पृथ्वी दिवस को हर साल जलवायु परिवर्तन संकट के प्रति जागरूकता फैलाने के तौर पर मनाया जाता है। यह दिन प्रदूषण, वनों की कटाई जैसी समस्याओं को जोड़ने और उन पर चर्चा के लिए लोगों को साथ लाने का अवसर है। ओजोन लेयर में क्षति होने के कारण जलवायु परिवर्तित हो रही है। इंसान पृथ्वी के प्रति अपने कर्तव्यों से दूर होता जा रहा है। यही कारण है कि विश्व पृथ्वी दिवस का आयोजन करके लोगों का ध्यान इस और आकर्षित करने का प्रयास किया जाता है। इसे दुनियाभर के 195 देशों में मनाया जाता है।
विश्व पृथ्वी दिवस का इतिहास
प्रथम बार विश्व पृथ्वी दिवस मनाने का ख्याल अमेरिका के सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन को आया था। 22 अप्रैल 1970 को पहली बार विश्व पृथ्वी दिवस मनाया गया। आगे चलकर इस दिन को मनाने के निर्णय को कई सारे देशों ने सहर्ष स्वीकारा। नेल्सन द्वारा इस दिन की शुरुआत पृथ्वी के गुणों का सम्मान करने और साथ ही लोगों के बीच प्राकृतिक संतुलन को बढ़ावा देने के लिए की गई। उन्होंने लोगों को यह संदेश दिया कि इंसान को यदि पृथ्वी पर रहना है तो उसे इसके विषय में सोचना होगा।
पृथ्वी दिवस तीन दिवसीय कार्यक्रम
इस वर्ष पृथ्वी दिवस तीन दिवसीय कार्यक्रम डिजिटल रूप में मनाया जा रहा है। यह कार्यक्रम 20 अप्रैल से शुरू से 22 अप्रैल तक चलेगा। यह जलवायु संकट के मुद्दों के लिए समर्पित होगा। इसमें जलवायु और पर्यावरण साक्षरता, जलवायु बहाली प्रौद्योगिकियां,पर्यावरण न्याय आदि जैसे मुददों पर चर्चाएं होगी।
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