न्यूजर्सी, 21 मार्च । न्यूजर्सी में World Water Conference विश्व जल सम्मेलन की शुरुआत विश्व जल प्रार्थना से की गई। मेगसेसे अवार्ड से सम्मानित जल योद्धा राजेंद्र सिंह ने सम्मेलन की जरूरत पर बोलते हुए कहा कि तीसरे विश्वयुद्ध से दुनिया को बचाना है, तो बाढ़ – सुखाड़ मुक्ति की युक्ति खोजनी होगी। बाढ़- सुखाड़ के कारण दुनिया विस्थापित हो रही है। यह विस्थापन ही तीसरे विश्वयुद्ध को बुलावा दे रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछले 5 महीनों में The People’s World Commission on Drought and Flood सुखाड़ – बाढ़ विश्व जन आयोग, तरुण भारत संघ और जल बिरादरी ने विश्व स्तर पर हुए बाढ़ – सुखाड़ मुक्ति के कामों की दिशा में खोज यात्रा आरंभ की है। इस खोज यात्रा में बहुत सारे उपाय सामने आए है । बाढ़ – सुखाड़ मुक्ति के लिए दुनिया में कुछ समुदायों ने प्रयास किए है। लेकिन वह प्रयास अधूरे इसलिए रह गए है क्योंकि, उन प्रयासों को सरकारों का सहयोग नहीं मिला।
राष्ट्रीय सरकारों ने बाढ़ सुखाड़ मुक्ति को अपने एजेंडा पर नहीं रखा, बल्कि सरकारों ने बाढ़ सुखाड़ नियंत्रण को ही अपना लक्ष्य बनाकर रखा। बाढ़ – सुखाड़ का नियंत्रण करना तो दुनिया में संभव नहीं है। अभी तक जिन सरकारों ने बाढ़ नियंत्रण किया, उन देशों में बाढ़ सुखाड़ बड़ी है – जैसे बेल्जियम में सेल्ड नदी। भारत में बिहार में नदियों के चलते तो वहां पर बाढ़ बढ़ गई और सुखाड़ के नाम पर जहां बड़े बांध बनाए, उससे ज्यादा और असिंचित क्षेत्र बढ़ता गया।
राजेंद्र सिंह ने कहा कि इस तरह से दुनिया के बहुत सारे उदाहरण यात्रा के दौरान प्रकाश में आए सुखाड़ बाढ़ के नियंत्रण का सिद्धांत ठीक नहीं है। इसलिए संयुक्त राष्ट्र संघ में बाढ़ सुखाड़ मुक्ति के लिए श्रमनिष्ठ बनने पर जोर दिया जाएगा, जिससे प्रकृति में विस्थापन, बिगाड़ न हो। इसके लिए प्रकृति जैसी है, वैसी बनाए रखते हुए काम आरंभ करना होगा, तब यह धरती प्रकृति बाढ़ – सुखाड़ मुक्त बनेगी।
अमेरिका से आए जैक ने कहा कि बाढ़ सुखाड़ मुक्ति की युक्ति हम सभी को तरुण भारत संघ ने सिखाई है। उससे सीखकर, दुनिया को बाढ़ सुखाड़ मुक्त बना सकते है। यह प्रक्रिया खर्चीली नहीं है।
कोर्लफोर्निया से आए इथन ने कहा कि मैंने भारत में जाकर तरुण भारत संघ का कार्य देखा है । इसलिए अमेरिका और यूरोप में तरुण भारत संघ जैसे कामों से सीख लेकर कार्य करने की जरूरत है।
यूके से आए निक निकोलसन ने कहा कि बाढ़ सुखाड़ मुक्ति की युक्ति संस्तुति और निष्कर्ष को अधिक प्रचारित प्रसारित करने पर जोर देना चाहिए।
तेलंगाना के जल संसाधन मंत्री वी प्रकाश राव ने कहा कि राज्य सरकार और समाज जल संरक्षण का काम कर रही हैं। जलपुरुष राजेंद्र सिंह जी से सीख लेकर उसी तरह काम कर रहे है। ऐसे कार्य सभी राज्यों में करने की जरूरत है। स्नेहल डोंडे, श्वेता झुनझुनवाला, श्रीकांत ने कहा कि सुखाड़ बाढ़ मुक्ति का काम स्त्री – पुरुष सभी को मिलकर करना चाहिए। सुखाड़ बाढ़ जन आयोग के कार्यों को अब धरती पर उतारने की जरूरत है।
यात्रा ने शामिल आशुतोष तिवारी, सत्यनारायण बोलिशेट्टी, नागमणी जी, नरेंद्र चुग आदि ने भी अपनी बातों को रखा। यह सम्मेलन दो दिन चलेगा। तीसरे दिन सम्मेलन की संस्तुति और निष्कर्ष को संयुक्त राष्ट्र संघ में भारतीय प्रतिनिधि मंडल प्रस्तुति करेगा। इसके पूर्व हडसन नदी के किनारे जलपुरुष राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में नदी यात्रा की गई।
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