27 फरवरी 2025, भोपाल/इंदौर। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव ने भोपाल में सम्पन्न ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में मेडिकल कॉलेज, प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और सिविल अस्पतालों को निजी और जन भागीदारी (PPP) के तहत संचालित करने की मध्यप्रदेश सरकार की मंशा जाहिर की। साथ ही उन्होंने बताया कि 3 मेडिकल कॉलेजों को निजी हितधारकों को सौंपने की बात भी कही है, परंतु यह स्पष्ट नहीं किया कि किन 3 मेडिकल कॉलेजों को निजी हाथों में सौंपा जाएगा। वहीं कुछ दिन पहले प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा ने स्वास्थ्य संस्थानों का निजीकरण नहीं करने की बात कही थी, परंतु अब फिर से स्वास्थ्य संस्थानों के निजीकरण की बात कर सरकार की मंशा को उजागर किया है। मध्यप्रदेश सरकार निजी हितधारकों को फायदा पहुंचाने के लिए मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देना चाहती है।
ज्ञात हो कि कुछ माह पूर्व ही मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के 12 जिलों में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया शुरू की थी और इसके तहत जिला अस्पतालों को निजी हितधारकों को सौंपने की बात कही गई थी। परंतु जिला अस्पतालों को सीधे निजी हितधारकों को सौंपने के फैसले का जनता ने व्यापक विरोध किया था, जिसके चलते प्रदेश सरकार ने अपना निर्णय बदलते हुए जिला अस्पतालों को निजी हाथों में देने का फैसला वापस ले लिया था। परंतु अब सरकार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और सिविल अस्पतालों को निजी हाथों में सौंपने की बात कर रही है।
जन स्वास्थ्य अभियान के एस आर आज़ाद, राजकुमार सिन्हा, धीरेंद्र आर्य, सुधा तिवारी और अमूल्य निधि ने मध्यप्रदेश सरकार के इस निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि किसी भी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र का निजीकरण न किया जाए और स्वास्थ्य बजट बढ़ाकर सार्वजनिक स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत किया जाए। उन्होंने सरकार से मांग की कि चिकित्सा शिक्षा को सभी के लिए सुलभ और वहनीय बनाने के लिए मेडिकल कॉलेजों का संचालन भी सरकार ही करें।