‘जलपुरुष वैश्विक जलयात्रा’ एवं ‘सभ्यता की सूखती सरिता’ पुस्तकों का विमोचन होगा
जयपुर, 18 मार्च । आगामी 22,23 और 24 मार्च को संयुक्त राष्ट्र संघ के पहले विश्व जल सम्मेलन 2023 में शामिल होने के लिए प्रकृति और धरती के प्रति संवेदनशील भारतीय प्रतिनिधियों का एक दल आज न्यूयार्क के लिए रवाना हुआ। इस दल में पर्यावरणविद्,जलयोद्धा,मैग्सेसे पुरस्कार विजेता राजेंद्र सिंह भी शामिल है। सुखाड़-बाढ़ मुक्ति की युक्ति खोजने वाले इस दल में भारत के 27 प्रतिनिधि के अलावा अफ्रीका, सभी महाद्वीपों, उपमहाद्वीपों के प्रतिनिधि भी भारतीय प्रतिनिधिमंडल से जुड़कर शामिल हो रहे हैं। ये दल अमेरिका-यूरोप में जल संबंधित कार्यक्रमों में 20 अप्रैल 2023 तक भागीदार होंगा।
तरूण भारत संघ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि संयुक्त राष्ट्र संघ के सम्मेलन से पूर्व न्यूयार्क में ही 20-21 मार्च 2023 को सुखाड़-बाढ़ विश्व जन आयोग, तरुण भारत संघ और जलबिरादरी संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में UN 2023 Water Conference विश्व जल सम्मेलन आयोजित होगा। इस सम्मेलन में दुनिया भर के चुनिंदा प्रतिनिधि भाग ले रहे है, जिन्होंने वर्षाजल का संरक्षण करके, धरती पर हरियाली बढ़ाने और भूजल का पुनर्भरण किया। इसके द्वारा नदियों का पुनर्जीवन हुआ और समुदायों को अहसास जगाकर, धरती और प्रकृति के जख्मों को भरने हेतु काम कराने का आभास कराया। इस प्रक्रिया द्वारा समुदायों में ऊर्जा का संचार हुआ और उनका लचीलापन बढ़ा। इस प्रक्रिया में प्रकृति और मानवता के प्रति बराबर सम्मान भी बढ़ा है।
संयुक्त राष्ट्र संघ की अगुवाई में विश्व जल सम्मेलन 22,23 और 24 मार्च को न्यूयॉर्क में ही आयोजित हो रहा है। इस सम्मेलन में भी इस दल के प्रतिनिधि शामिल होंगे। जलवायु परिवर्तन के कारण धरती को बुखार चढ़ा है, मौसम का मिजाज बिगड़ गया है, इसने पूरी दुनिया में बाढ़-सुखाड़ को अतिविस्तार दिया है। इसको रोकने और समाधान ढूढ़ने का तरीका समुदाय को अहसास कराके, जलवायु परिवर्तन, अनुकूलन और उन्मूलन जल संरक्षण द्वारा हरियाली बढ़ाने जैसे कार्यों से ही संभव हैं।
उल्लेखनीय है कि दल के सदस्यों ने तरुण भारत संघ के सहयोग से देश में खोज यात्रा शुरू की थी। यात्रा के दौरान विमर्श और निष्कर्षों की संस्तुतियों पर 20 और 21 मार्च 2023 को सुखाड़-बाढ़ विश्व जल सम्मेलन, न्यूयॉर्क में पुनः विमर्श करके, नए वैश्विक निष्कर्षों के परिदृश्य के आधार पर संयुक्त राष्ट्र संघ के सम्मेलन में प्रस्तुति की जाएगी।
संयुक्त राष्ट्र संघ के विश्व जल सम्मेलन में वर्ष 2015 से 2022 तक की पुस्तक ‘जलपुरुष वैश्विक जलयात्रा’ एवं ‘सभ्यता की सूखती सरिता’ का विमोचन 22 मार्च 2023 को होगा। इसके साथ यूरोप एवं अमेरिका के विभिन्न क्षेत्रों स्थानों, शहरों व गाँवों में आयोजित आयेाजनों में पुस्तक का विमोचन होगा। इसके अलावा इंदिरा खुराना एवं जलपुरुष राजेन्द्र सिंह द्वारा लिखित दो पुस्तकें – Drought, Flood and Climate Change: Global challenge, Local Solution – A Reaffirmation and Rejuvenation of Rivers का विमोचन न्यूयॉर्क, कोलम्बिया, न्यू-जर्सी, कैलिर्फोनिया, लंदन, स्टॉकहोम आदि सैंकडों स्थानों पर होगा।
सुखाड़-बाढ़ विश्व जन आयोग, तरुण भारत संघ व जल बिरादरी ने केवल संयोजन किया है। इसका संयोजन सत्यनारायण बुल्लीसेट्टी और श्वेता झुनझुनवाला कर रहे है। सम्मेलन में जलपुरुष राजेन्द्र सिंह, आशुतोष तिवारी, सत्यनारायण बुल्लीसेट्टी, वी. प्रकाशराव, उज्जवल चौहान, विनोद बोधनकर, नरेन्द्र चुग, श्रीकांत पगावनी, स्नेहल डोंडे, राजेश सुदर्शन, किशोर धारिया, अनिकेत लोहिया, श्वेता झुनझुनवाला, जयेश जोशी, कोडई सलवन, महेश बानी, किरण, नागमणी आदि भारत से सम्मिलित हो रहे है और दुनिया के महाद्वीपों से जैक, ईथन, निकोल्स, लूसी, दिनेश सूना, महोम्मद ओगले, महोम्मद हसन, दीपक ग्वाली आदि प्रतिनिधि भी भाग ले रहे हैं।
[block rendering halted]