कैसे बसेंगे, लौटते प्रवासियों के गांव

‘कोविड-19’ के कारण लगे ‘लॉक डाउन’ का सर्वाधिक व्‍यापक और गंभीर असर उन मजदूरों पर पडा है जो गांवों की अपनी दुनिया छोडकर रोजी-रोटी...

बरकरार रहने के लिए ‘इको-इकॉनॉमी’

अपने यहां एक कहावत है कि ‘फिसल पडे तो हर गंगा’ यानि किसी उद्देश्‍य के लिए कुछ करते हुए, कुछ दूसरे, बिलकुल अनपेक्षित सकारात्‍मक...

कुर्सियों पर बैठते हो ! आग तो तुम्हारी कुर्सियों के नीचे...

श्रवण गर्ग आज ‘सम्पूर्ण क्रांति दिवस ‘है और मैं 5 जून 1974 के उस ऐतिहासिक दृश्य का स्मरण कर रहा हूँ जो पटना के प्रसिद्ध...

‘कोविड-19’ में एकांगी अध्यात्म

कोविड-19 के कारण लगे ‘लॉक डाउन’ ने हमारे ‘वस्‍तुओं’ के भौतिक संसार की अपर्याप्‍तता के साथ-साथ आंतरिक, आध्‍यात्मिक संसार के सतहीपन की पोल भी...

अमेरिका और चीन के बीच में हम

आज भारत में भले ही भारतीयता और भारतीय संस्कृति की तेजी से बात चलती हो लेकिन वास्तव में भारत बुरी तरह चीन और अमेरिकी...

ग्राम स्वराज के ढांचे को अपना कर ही दुनिया को कोरोना...

सेवा सुरभि की ई संगोष्ठी में पर्यावरणविद डॉ. राजेंद्र सिंह एवं माउंटमेन डॉ. अनिल प्रकाश जोशी के विचार इंदौर, 1 जून।  ‘लॉकडाउन के बाद आर्थिक...