जिम्मी मगिलिगन मेमोरियल सस्टेनेबल डेवलपमेंट सप्ताह के छठे दिन कार्यशाला का आयोजन
इंदौर, 20 अप्रैल 2025। जिम्मी मगिलिगन का जीवन स्वच्छ ऊर्जा और सतत विकास के क्षेत्र में एक प्रेरणा है। उनकी सोच थी कि छोटे प्रयासों से बड़े बदलाव हो सकते हैं, और यही विचारधारा आज उनके शिष्य वरुण रहेजा द्वारा आगे बढ़ाई जा रही है। सोलर ड्रायर के माध्यम से लाखों भारतीय किसान समृद्ध हो रहे हैं। ये बातें जिम्मी मगिलिगन मेमोरियल सस्टेनेबल डेवलपमेंट सप्ताह के छठे दिन, राहेजा सोलर फूड प्रोसेसिंग के इंदौर परिसर में आयोजित कार्यशाला में उभरकर सामने आईं, जहां वरुण रहेजा ने जिम्मी मगिलिगन द्वारा बनाई सोलर टनल ड्रायर की विरासत को आगे बढ़ाने के अपने अनुभवों को साझा किये। इस मौके पर पदमश्री जनक पल्टा मगिलिगन भी उपस्थित थी।
वरुण रहेजा और सोलर ड्रायर की विरासत
वरुण की माँ, श्रीमती बबीता रहेजा ने अपने भावभीने शब्दों में सभी का स्वागत किया और सोलर फूड प्रोसेसिंग में नवाचारों के माध्यम से ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने के प्रयासों को साझा किया।
इस मौके पर वरुण रहेजा ने कहा कि “यह सब जिम्मी मगिलिगन की दृष्टि का परिणाम है। उनका विश्वास था कि अगर हमें सचमुच किसानों की मदद करनी है, तो हमें उन्हें उनके खेतों में ही समृद्ध बनाने का तरीका देना होगा। उन्होंने इस पहल को एक छोटे से प्रयोग से शुरू किया और अब यह देशभर में फैल चुकी हैं। आज, सोलर ड्रायर के माध्यम से 70,000 से अधिक किसानों को सशक्त किया जा चुका है, जिससे उनकी आय में औसतन 30% की वृद्धि हुई है।
वरुण रहेजा ने इस पहल के बारे में विस्तार से बताया, “हमारा उद्देश्य केवल फसल सुखाने का नहीं है, बल्कि एक विकेंद्रीकृत मॉडल तैयार करना है, जो किसानों को सम्मानजनक आजीविका और बेहतर जीवन स्तर प्रदान कर सके।” उन्होंने यह भी साझा किया कि शार्क टैंक इंडिया में भी यह पहल दिखी और उसे देशभर में काफी सराहना मिली।
भारत के किसानों को समृद्ध बनाने की दिशा में नवाचार
सोलर ड्रायर के माध्यम से किसानों को फसल कटाई के बाद होने वाली खाद्यान्न की बर्बादी को कम करने और उनकी आय में सुधार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिम्मी मगिलिगन द्वारा स्थापित यह सोलर ड्रायर का मॉडल आज 100% प्राकृतिक उत्पादों, जैसे फल बार, और स्वस्थ खाद्य उत्पादों के निर्माण के लिए प्रयोग किया जा रहा है।
खाद्य अपशिष्ट और कृषि अपशिष्ट का निपटान
इस प्रक्रिया का एक और अहम पहलू कृषि अपशिष्ट का निपटान है। खुशबू मखीजा और निहार शर्मा ने बताया कि वरुण रहेजा द्वारा सह-स्थापित एक अभिनव फैशन उद्यम ने केले के रेशे से कपड़े और जीवनशैली उत्पाद बनाए हैं, जिससे किसानों को सिर्फ फल से ही नहीं, बल्कि पेड़ से भी आय हो रही है।
डॉ. जनक पलटा मगिलिगन ने इस अवसर पर अपने जीवन के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि किस तरह वे और उनके पति जिम्मी मगिलिगन ने अपनी पूरी जिंदगी स्वच्छ ऊर्जा, सोलर कुकर, ड्रायर और अन्य उपकरणों के विकास में समर्पित कर दी, ताकि ग्रामीण भारत को सशक्त किया जा सके।
श्री जिम्मी मगिलिगन द्वारा मध्य भारत का पहला सोलर ड्रायर विकसित किया गया था, जिसे कोंकण क्षेत्र में फसल उत्पादक किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए महाराष्ट्र भेजा गया। इस तकनीक के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि हुई और उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ।
2011 में, श्री जिम्मी और डॉ. जनक पलटा मगिलिगन को भूटान में सोलर ड्रायर तकनीक सिखाने के लिए आमंत्रित किया गया, जिससे वहां की ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और सतत विकास को बढ़ावा देने में मदद मिली।
किसान सशक्तिकरण का मिशन
आज, जिम्मी मगिलिगन की विरासत जीवित है, और उनके द्वारा शुरू की गई यह पहल भारतीय किसानों के जीवन में बदलाव लाने का काम कर रही है। डा. जनक पलटा मगिलिगन ने अपनी बातों में कहा, “हमारा उद्देश्य केवल स्थिरता को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि यह दिखाना है कि छोटी-छोटी चीजों से भी बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।”